Tuesday, April 14, 2009

कल की कल


मत इंतज़ार कराओ हमे इतना,
की वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाएँ!
क्या पता कल तुम लौटकर आओ,
और हम खामोश हो जाएँ!
दूरियों से फर्क पड़ता नहीं,
बात तो दिलों कि नज़दीकियों से होती है !
दोस्ती तो कुछ आप जैसो से है,
वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है !
दिल से खेलना हमे आता नहीं,
इसलिये इश्क की बाजी हम हार गए!
शायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हें,
इसलिये मुझे जिंदा ही मार गए!
मना लूँगा आपको रुठकर तो देखो,
जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो।
नादाँ हूँ पर इतना भी नहीं ,
थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो।

लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,
कोई करता है तो इल्जाम देते है।
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।

Friday, April 3, 2009

हम तो कभी नही थे पर न जाने


जिंदिगी तो बहुत है बाकि समय नही है पर फ़िर कैसे कहे उनसे, मुलाकात होती है तो जिंदिगी नही , हम तुम और तुम हम कैसे लगते अगर साथ होते तो
न जाने कितने झगरते फिर क्यों लगता की न मनाया तो तकलीफ मुझे ही होनी है , हंसी पे उसके कई जनम युही गुजर जाने सा लगता है,