Tuesday, September 14, 2010

जो एक बार देखो...







मेरी नज़र से कभी जो एक बार देखो,
अपने लिए प्यार ही प्यार और चाहत तो देखो !

तुम को सब बताने में लग जाएगी मुदत मुझे,
हो सके तुम हर लम्हे को महसूस करके तो देखो !

ढुंढती है हर तरफ दिल की बेक़रारी जिसे,
इस दिल मे उसे किधर किधर तो देखो !

होना न कभी तुम्हे मुझ से जुदा,
कबूल होते हुए काश मेरी दुआ को देखो !

नहीं चाहिए अपनी चाहत का कोई सिला,
बस तेरी नज़र में है हम, अपने आप को तो देखो !

1 comment:

  1. बहुत अच्छी जानकारी....ज्ञानवर्धन के लिए आभार.। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

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