Monday, September 13, 2010

मेरी याद .......


जब उसको मेरी याद आया करेगी,
तब वो मेरी गजल गुनगुनाया करेगी!
उठकर देखेगी कभी तस्वीर मेरी,
फिर उसे सिने से लगाया करेगी!
जब भी नजर आएगी मेरी निशानिया,
उनको दमन मैं छुपाया करेगी!
बीते दिनों की बीती कहानी,
छुप छुप के गेरों को बताया करेगी!
रखा है जो उसने अंधरे मैं “प्यार”,
भूल पर अपनी पछताया करेगी!…

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