उठाया था जाम एक गम भुलाने के लिए,
वही सीने से लिपट गया मुझे और सताने के लिए,
उस से कह दो ना आया करे महफ़िल में,
उस की याद ही काफी है दिल जलाने के लिए,
साकी आज पिला दो इतनी के कुछ होश न रहे,
कोई गम मेरे पास ना भटके मुझे रुलाने के लिए,
दुःख नहीं के कोई साथ नहीं रहा मेरे,
अब मैखाना ही काफी है मेरा साथ निभाने के लिए,
साकी यूं मुझे हर बार बस करने को ना कह,
आज सारा मैखाना भी कम है दिल की आग बुझाने के लिए...!!!
वही सीने से लिपट गया मुझे और सताने के लिए,
उस से कह दो ना आया करे महफ़िल में,
उस की याद ही काफी है दिल जलाने के लिए,
साकी आज पिला दो इतनी के कुछ होश न रहे,
कोई गम मेरे पास ना भटके मुझे रुलाने के लिए,
दुःख नहीं के कोई साथ नहीं रहा मेरे,
अब मैखाना ही काफी है मेरा साथ निभाने के लिए,
साकी यूं मुझे हर बार बस करने को ना कह,
आज सारा मैखाना भी कम है दिल की आग बुझाने के लिए...!!!
No comments:
Post a Comment