Monday, September 13, 2010

जा रहा था वो !




दूर से देखा,
किसी के साथ जा रहा था वो !
आवाज़ आ रही थी जैसे,
गुनगुना रहा था वो!
मस्ती में चलता ऐसे,
इतरा रहा था वो!
नज़दीक पहुंचे तो,
तस्वीर ही बदल गयी!
न चाहते हुए भी,
आँखे मचल गयी!
अकेला ही था वो उस दिन,
लाद्खादा रहा था वो!
वो रो रहा था उस दिन,
घबरा रहा था वो!
दूर से न पहचाना,
वों कौन शख्स था!
कोहरा घना था उस दिन,
वो हमारा ही अक्स था!






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