Tuesday, September 7, 2010

सोच लो...!!!

इश्क पागल कर गया तो क्या करोगे,
सोच लो,
सुष ऐसा हुआ तो क्या करोगे,
सोच लो,

साथ उसके हर कदम चलने की आदत,
किस लिए,
छोड़ कर वो चल दिया तो क्या करोगे,
सोच लो,

शोर बाहर है अभी इस वास्ते खामोश हो,
शोर अंदर से उठा तो क्या करोगे,
सोच लो,

बंद आँखों में अधूरा खाब बुनते हो,
मगर,
कोई इन में आ बसा तो क्या करोगे,
सोच लो,

दर दरीचे सब मुकाफिल कर बैठे हो,
मगर,
वो अचानक आ गया तो क्या करोगे,
सोच लो,

डूबते हुए सूरज का चेहरा और नक़्श-ए-पा,
जब वो मंज़र गम हुआ तो क्या करोगे,
सोच लो...!!!

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