सब से छुपा कर दर्द वो जो मुस्कुरा दिया,
उस की हंसी ने तो मुझको आज रुला दिया,
लेहजे से उठ रहा था इक दर्द का धुआं,
चेहरा बता रहा था के कुछ गंवा दिया,
आवाज में ठहराव था आंखो में नमी थी,
और कह रहा था के मैने सब कुछ भुला दिया,
जाने क्या उसको लोगों से थी शिकायतें,
तन्हाईयों के देश में खुद को बसा दिया,
खुद भी हमसे बिछड़ कर अधूरा सा हो गया,
मुझको भी इतने लोगों में तन्हा बना दिया...!!!
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