वो अपनी सारी नफरतें मुझ पे लुटाता रहा,
मेरा दिल जिस को सदा मोहब्तें सिखाता रहा,
उस की आदत का ज़रा ये पहलू तो देखो,
मुझ से किये वादे वो किसी और से निभाता रहा,
कुछ खबर नहीं के वो क्या चाहता था,
के ताल्लुक तोड़ कर भी मुझ को आजमाता रहा,
टूटे हुए ताल्लुक में भी कितनी मजबूती है,
मैं जितना भुलाता रहा, वो उतना ही याद आता रहा...!!!
मेरा दिल जिस को सदा मोहब्तें सिखाता रहा,
उस की आदत का ज़रा ये पहलू तो देखो,
मुझ से किये वादे वो किसी और से निभाता रहा,
कुछ खबर नहीं के वो क्या चाहता था,
के ताल्लुक तोड़ कर भी मुझ को आजमाता रहा,
टूटे हुए ताल्लुक में भी कितनी मजबूती है,
मैं जितना भुलाता रहा, वो उतना ही याद आता रहा...!!!
क्या बात है, बहुत खूब!
ReplyDelete